Home युवा शिक्षा शिक्षा पद्धति में रचनात्मक बदलाव के संकल्प के साथ ‘एड लीडरशिप-2019’ सम्पन्न

शिक्षा पद्धति में रचनात्मक बदलाव के संकल्प के साथ ‘एड लीडरशिप-2019’ सम्पन्न

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लखनऊ, 12 अक्टूबर। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित तीन दिवसीय इण्टरनेशनल राउण्डटेबल कान्फ्रेन्स ‘एड लीडरशिप-2019’ आज शिक्षा पद्धति में रचनात्मक बदलाव के संकल्प के साथ सम्पन्न हो गई। इस अवसर पर अमेरिका, सिंगापुर एवं देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे प्रख्यात शिक्षाविद्ों ने छात्रों को रूचिपूर्व व तनावरहित तरीके से गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने का संकल्प व्यक्त किया और ज्ञान के प्रकाश को जन-जन तक पहुँचाने का जोरदार आहवान करते हुए कहा कि इक्कीसवीं सदी शिक्षा में क्रान्तिकारी बदलाव की सदी है। आज हमें एक ऐसी शिक्षा पद्धति की जरूरत है जो बच्चों का सम्पूर्ण विकास करें और उनमें नेतृत्व की क्षमता का विकास करे।

            इससे पहले, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री अनुराग त्रिपाठी, सेक्रेटरी, सी.बी.एस.ई., ने ‘एड लीडरशिप-2019’ के तीसरे दिन का शुभारम्भ किया जबकि शैक्षिक संस्था ‘देवी संस्था’ के छात्रों ने प्रार्थना गीतों व नृत्य की सुन्दर प्रस्तुतियों से आध्यात्मिक उल्लास प्रवाहित किया। इस अवसर पर समाचार पत्र हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ स्थानीय संपादिका श्रीमती सुनीता ऐरन एवं बेसिक एजूकेशन, उ.प्र. के डायरेक्टर श्री सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर मिश्र व आमन्त्रित शिक्षाविद्ों ने अपने सारगर्भित विचारों से शिक्षा का आलोक जन-जन तक पहुंचाने का सतत प्रयास किया।

            सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि श्री अनुराग त्रिपाठी, सेक्रेटरी, सी.बी.एस.ई., ने कहा कि शिक्षा में नवीनीकरण की बेहद आवश्यकता है। शिक्षकों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि छात्रों का दृष्टिकोण व्यापक हो, सोच वैज्ञानिक हो और उनमें समाज कल्याण की भावना भी समाहित हो। श्री सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर मिश्र, डायरेक्टर, बेसिक एजूकेशन, उ.प्र. ने देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद्ों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपने शिक्षा को नया स्वरूप देने की जो पहल की है, वह निश्चित ही प्रशंसनीय है। मुझे विश्वास है कि तनावरहित शिक्षा पद्धति बच्चों के लिए वरदान सिद्ध होगी। श्रीमती सुनीता ऐरन, वरिष्ठ स्थानीय संपादक, हिन्दुस्तान टाइम्स ने ‘मेकिंग इण्डिया 100 परसेन्ट लिट्रेट’ विषय पर अपने रखते हुए अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने पर खाास जोर दिया और इसके लिए सामाजिक जागरूकता एवं प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित किया।

            इससे पहले, राउण्डटेबल परिचर्चा की शुरूआत ‘माइंड बाॅगलिंग एजूकेशन’ विषय पर चर्चा से हुई, जिसमें उड़ीसा से पधारी शिक्षाविद् सुश्री वैशाली शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे। इसके अलावा, मध्य प्रदेश से पधारे श्री वी.पी. शर्मा ने ‘क्रिएटिंग मल्टी-वन्स इन मिलियन्स एण्ड एम्बिडेक्सटेरिटी’ विषय पर, उड़ीसा से पधारे श्री अनिल प्रधान ने ‘ए स्कूल टु प्रमोट इनोवेशन’ विषय पर एवं उत्तर प्रदेश की शैक्षिक संस्था स्वतन्त्र तालीम के संस्थापक राहुल एवं रिद्धि अग्रवाल ने ‘फ्राॅम ड्रीम्स टु रिएलिटी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। इसी प्रकार, ‘प्री-कंडीशन फाॅर स्केलिंग यूपी लिट्रेसी’ विषय पर आयोजिहत एक अन्य परिचर्चा में आस्ट्रेलिया से पधारे शिक्षाविद् टाॅम डेलाने, अमेरिका से पधारे शिक्षाविद् जोनाथन हाकिम एवं तेलंगाना से पधारे शिक्षाविद् मो. लतीफ खान ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

            सम्मेलन का समापन समारोह अपरान्हः सत्र में हुआ, जिसमें म्यूजिकल कन्सर्ट ‘द एक्सप्लाइटेड’ के माध्यम से राबर्ट गाँधी, दिव्यम चैधरी, आर्यन पाण्डेय, क्षितिज गुप्ता ने शानदार गीतों का समाँ बाँधी। इस अवसर पर देश-विदेश के प्रख्यात शिक्षाविदों को ‘एजुकेशन इनोवेटर अवार्ड’ एवं ‘इनोवेशन इन-प्रोसेस फेलोशिप’ प्रदान कर सम्मानित किया गया। समापन समारोह में देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद्ों का आभार व्यक्त करते हुए सम्मेलन की संयोजिका डा. सुनीता गाँधी ने कहा कि आपके प्रयासों से शिक्षा पद्धति में रचनात्मक परिवर्तन आयेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है। उन्होंने देश-विदेश से पधारे सभी शिक्षाविदों को अगले एड-लीडरशिप में प्रतिभाग हेतु आमन्त्रित किया। सम्मेलन का समापन सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।


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