श्रीनगर: पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य से बने दो केंद्र शासित राज्यों में दो अलग-अलग कानून लागू होंगे. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में ऐसे बाहरी लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं जो वहां एक निश्चित समय तक रह चुके हैं, जबकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केवल 5 अगस्त, 2019 से पहले के स्थायी निवासी और लेह व कारगिल जिले में रहने वाले ही अब अराजपत्रित (नॉन-गजेटेड) नौकरी के लिए पात्र रहेंगे.
बाहरियों के लिए कोई नौकरी नहीं
लद्दाख प्रशासन ने शनिवार को सभी अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के उद्देश्य से 'केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के निवासी' को अस्थायी रूप से परिभाषित करने और सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए उम्र सीमा में दो साल की छूट देने का आदेश जारी किया.
लद्दाख निवासी प्रमाणपत्र आदेश 2021 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसके पास लेह और कारगिल जिलों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया स्थायी निवासी प्रमाण पत्र (पीआरसी) है या ऐसे व्यक्तियों की श्रेणी से संबंधित है, वे सक्षम प्राधिकारी द्वारा निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए के लिए पात्र होंगे.
प्रशासन के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, 'केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन ने किसी भी विभाग में सभी अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के उद्देश्य से 'केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के निवासी' को अस्थायी रूप से परिभाषित करने का आदेश जारी किया है.'
आदेश में कहा गया है कि पीआरसी रखने वाले व्यक्तियों के बच्चे या व्यक्तियों की श्रेणी से संबंधित व्यक्तियों के बच्चे, जो लेह और कारगिल जिलों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पीआरसी जारी करने के पात्र होंगे, वे भी निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के हकदार होंगे.
प्रशासन ने राजपत्रित अधिकारियों से संबंधित पदों के अलावा सीधी भर्ती के संबंध में सभी पदों के लिए सरकारी सेवाओं में प्रवेश को लेकर ऊपरी आयु सीमा भी बढ़ा दी है.
प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा 43 वर्ष से बढ़ाकर 45 वर्ष, सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 40 से 42 वर्ष और विशेष रूप से सक्षम उम्मीदवारों के लिए 42 वर्ष से बढ़ाकर 44 वर्ष कर दी गई है.
रोजगार में बाहरी लोगों के लिए दरवाजे बंद करते हुए आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी राज्य या किसी अन्य केंद्र शासित प्रदेश द्वारा किसी भी नाम से डोमिसाइल प्रमाण पत्र या निवासी प्रमाण पत्र रखने वाले लोग लद्दाख के निवासी होने के पात्र नहीं होंगे.