Home हलचल बड़ी-बहस दुधारू गाय बन गया है पेट्रोल और डीजल

दुधारू गाय बन गया है पेट्रोल और डीजल

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*तेल की कीमतों में लगी आग*
*तेल के बढ़ते दाम, कैसे होंगे काम!*
*बढ़े दामों के सहारे बराबरी का मौका मिला पेट्रोल-डीजल को*
*सौ रूपये तक जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम!*


अशोक सिंह / कर्मबीर

कोरोना काल में अपनी जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर लाने में लगे आम आदमी की चलने-चलाने वाली गाड़ी ही बेपटरी हो गयी। जिसकी वजह है, लगातार बीसवे दिन भी डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी का होना।
आपदा को अवसर में बदलने वाले पीएम मोदी के सन्देश का पूरा फायदा भले ही अभी तक आम आदमी को नजर नहीं आ रहा हो बावजूद इसके तेल की कीमतों में लगी आग ने तेल कंपनियों और सरकार के लिए अवसर जरूर दे दिया।
सियासी दल एक तरफ जहां इस मुद्दे पर संसद, सड़क और सोशल मीडिया पर अजब-गजब तरीकों से विरोध दर्ज करा रहे हैं तो वही, दूसरी तरफ केंद्र सरकार और तेल कंपनियां बढ़ी कीमतों के सहारे लाकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई में लगी है।

जानकार बताते हैं कि केंद्र सरकार व तेल कंपनियां चाहती हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम एक स्तर पर हो, यही वजह है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव बीते अप्रैल माह में 17 डालर प्रति बैरल पर सिमट गया तब केंद्र सरकार ने बीते 6 मई को पेट्रोल पर 10 रूपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रूपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया।
जिसका सीधा अर्थ है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने का फायदा केंद्र सरकार ने उठा लिया।
आलम यह है कि पिछले 20 दिनों में डीजल के दाम 10 रूपये 80 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। इसी वजह से इतिहास में पहली बार राजधानी दिल्ली में डीजल के दाम पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा चल रहे हैं।

दिलचस्प तथ्य है कि इन दिनों सोशल मीडिया पर पेट्रोल के दाम कम हो गए डीजल के मुकाबले जैसे स्लोगन ने सुर्खियां बटोर रखी हैं।

जानकारों की मानें तो दुधारू गाय हो चुके डीजल-पेट्रोल का गणित केंद्र सरकार और तेल कंपनियों के बही खातों पर निर्भर करता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय ख़जाने में लॉकडाउन के दौरान जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स में जबरदस्त गिरावट आयी। जिसके चलते बीते अप्रैल में सेंट्रल जीएसटी से महज छ हजार करोड़ रूपये ही ख़जाने तक पहुचे जबकि पिछले वर्ष के अप्रैल माह में यही रकम पैतालिस हजार करोड़ रुपए थी।
यानी करोना की चपेट में आए केंद्रीय सरकार के खजाने की भरपाई में तेल का खेल शुरू हो गया।
जानकार बताते हैं कि आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दाम सौ रूपये या उसके आसपास भी हो सकते हैं। इसी के साथ ही राज्य सरकारें भी अपना बजट फिट-फाट रखने के लिए राज्यकर लगाकर आम आदमी का तेल निकाल सकती हैं।

जानिए आपके शहर में कितना है दाम

पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार,आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।

प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत

बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।

डीजल है महंगा ईंधन

देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल-डीजल बेचने वाली कंपनी इंडियन आयल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डीजल महंगा ईंधन है। उसे बनाने में कंपनी को ज्यादा खर्च आता है। लेकिन पहले सरकार उस पर कम टैक्स वसूलती थी, इसलिए उसकी कीमत कम पड़ती थी। उन्होंने बताया कि इस समय 1 लीटर पेट्रोल बनाने में 22.11 रुपये का खर्च आ रहा है जबकि 1 लीटर डीजल बनाने का खर्च 22.93 रुपये है।

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