सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साफ़ किया कि नेशनल डिफ़ेंस एकेडमी या एनडीए में महिलाओं के प्रवेश को अगले साल तक टाला नहीं जा सकता.
कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को निरस्त करने से इनकार किया और कहा कि एनडीए में महिलाओं की प्रवेश परीक्षा इसी साल नवंबर महीने में होनी चाहिए. इससे पहले अगस्त महीने में कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि महिलाएं एनडीए की परीक्षा दे सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर जनहित याचिका डालने वाले वकील, कुश कालरा का कहना था कि लड़कियों को 12वीं के बाद एनडीए में जाने का मौका नहीं मिलता था जो संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करता है. ये चलन 6 दशक से ज्यादा समय से चला आ रहा है और वहां केवल पुरुषों को ही प्रवेश की अनुमति है.
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने क्या कहा था?
वे बीबीसी से बातचीत में कहते हैं, "ये सीधे तौर पर संविधान में दिए गए अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) अनुच्छेद 15(लैंगिक भेदभाव), अनुच्छेद 16 जो ये कहता है कि राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी और उसमें भेदभाव नहीं हो सकता और अनुच्छेद 19(1) में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करता है. इन सभी मानदंडों को देखा जाए तो ये महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन करता है इसलिए मैंने इसी साल 10 मार्च पर को इस मुद्दे पर याचिका डाली थी."
इस याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर संबंधित पक्षों, रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा था लेकिन इसी बीच एनडीए परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी हो गए जिसमें केवल पुरुषों के प्रवेश के लिए प्रावधान था.
इस पर रोक लगाने के लिए कुश कालरा ने फिर एक याचिका डाली.
वे बताते हैं, "जब कोर्ट में एक याचिका इसी मामले पर लंबित है तो भर्ती के लिए कैसे विज्ञापन दिए जा सकते हैं. पहले परीक्षा सितंबर में होनी थी लेकिन अब उसे 14 नवंबर कर दिया गया है और कोर्ट का कहना है कि इसमें महिलाएं भी परीक्षा देंगी."
इस पर डिपार्टमेंट ऑफ़ मिलिट्री अफ़ेयर्स और रक्षा मंत्रालय की तरफ से हलफ़नामा दायर किया गया. इसमें बताया गया कि एनडीए की प्रवेश परीक्षा साल में दो बार होती है और मई में इसकी (पहली) परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. हलफ़नामें में सरकार ने महिलाओं को इस परीक्षा में शामिल करने के लिए कोर्ट से मई 2022 तक का समय मांगा.
सरकार की ओर से कहा गया कि महिलाओं को शामिल करने के लिए ज़रूरी तैयारियां मई 2022 तक हो पाएंगी, उसी दौरान यूपीएससी (सिविल सेवा) प्रवेश परीक्षा के लिए अधिसूचना भी देनी होगी.
नेशनल डिफ़ेंस एकेडमी एक बेहतरीन प्रशिक्षण संस्थान है जहां युवा 12वीं पास करके साढ़े 16 से साढ़े 19 की उम्र में कड़ी चयन प्रक्रिया से गुज़र कर प्रवेश पाते हैं. इन युवाओं का मेडिकली फिट होना बेहद अनिवार्य माना जाता है.
इस हलफ़नामे में कहा गया था कि जहां एनडीए में प्रवेश को लेकर पुरुष या मेल कैडेट के लिए पूरी प्रकिया और मेडिकल मानक बने हुए हैं वहीं महिला कैडेट को लेकर ये प्रक्रिया जारी है और महिला कैडेट के एकेडमी में प्रवेश से पहले इसे पूरा किया जाना है.
इसमें कहा गया कि डायरेक्टोरेट जनरल आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज और तीन डिफ़ेंस सर्वसिस नौसेना, थल सेना और वायु सेना की विशेषज्ञों की टीम महिलाओं के लिए जरूरी मानक तैयार करेगी. ये तीनों सेनाएं अपने कामकाज और आपरेशनल ज़रूरतों के आधार पर युवाओं की उम्र, प्रशिक्षण में क्या होगा जैसे अहम मुद्दों और मानकों को निर्धारित करेंगी.
हलफ़नामे में साथ ही ये भी कहा गया कि किस क्षेत्र में और किस अनुपात में महिलाओं को लिया जाए ये देखा जाना है. प्रवेश के लिए जो मानक हैं वो फिलहाल महिला उम्मीदवारों के लिए नहीं है.
वहीं इस मामले में शिक्षा को लेकर पाठ्यक्रम तय है लेकिन प्रशिक्षण के लिए जिन चरणों से पुरुषों को गुज़रना पड़ता है, जैसे- फ़ीजिकल और मिलिट्री ट्रेनिंग, खेल और अन्य एक्टीविटीज़ जो एक ऑफ़िसर कैडेट को एक प्रतिस्पर्धी ऑफ़िसर और सैनिक बनाने के लिए तैयार करती हैं, वो फिलहाल महिला उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध नहीं है. इन्हें अभी तैयार करना बाकी है.
इस विषय पर आकलन करने की ज़रूरत है और इनकी ऑपरेशनलन तैयारी के लिए विशेषज्ञों के इनपुट की ज़रूरत है.
लेकिन गांव-कस्बों तक कैसे पहुंचेगी जानकारी
जब मैंने इस पर वकील कुश कालरा से सवाल पूछा कि क्या तैयारी और भर्ती के लिए इश्तेहार और सूचना उम्मीदवारों तक पहुंचाने के लिए समय कम नहीं है?
तो उन्होंने इस बात को माना कि तैयारी नहीं है लेकिन कोर्ट कह रहा है कि शुरुआत होनी चाहिए और उन्होंने इस संबंध में मंत्रालय और यूपीएससी को समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा है.
इस सवाल पर रिटायर्ड कर्नल पुनीत सहगल कहते हैं, "एनडीए में भर्ती के लिए नोटिफिकेशन पहले आ जाती हैं और दोनों परीक्षाओं की तारीख़ भी दे दी जाती है और बड़े शहरों की अलग बात है लेकिन गांवों, देहात में ये सूचना पहुंचने में वक़्त तो लगता है वहां अब ये नई सूचना क्या समय से पहुंच पाएंगी क्योंकि अभी तो लोगों को पता भी नहीं होगा कि ऐसा हुआ है."
वहीं कुश कालरा कहते हैं कि मान लीजिए अगर कोई लड़की केवल इसी साल परीक्षा दे सकती है तो कम से कम उन्हें मौक़ा तो मिल पाएगा.
अनुभव का मिलेगा मौक़ा
चंडीगढ़ स्थित डीसीजी डिफ़ेंस एकेडमी भावी छात्रों को एनडीए और कंबाइंड डिफ़ेंस सर्विस या सीडीएस में प्रवेश कराने के लिए प्रशिक्षण देती है.
12वीं की परीक्षा पास कर चुकीं और इसी इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण ले रही पलक शर्मा कहती हैं कि उनका सपना एयरफ़ोर्स में ऑफ़िसर बनने का है. हालांकि उनके घर में कोई डिफ़ेंस में नहीं है.
वे बीबीसी से बातचीत में कहती हैं, "एनडीए की परीक्षा पास में है, मेरी तैयारी पूरी तो नहीं है लेकिन मैं परीक्षा ज़रूर दूंगी. इससे कम से कम मुझे अनुभव मिलेगा तो इस बार नहीं तो अगली बार तो होगा."
प्रियंका शर्मा डीसीजी डिफ़ेंस एकेडमी दिल्ली और चंडीगढ़ दोनों की ब्रांच चलाती हैं और बताती हैं कि सीडीएस और एयरफ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट कोर्स में कुल 50 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं और एनडीए के लिए उनका पहला बैच अभी शुरू हुआ है जिसमें चंडीगढ़ और दिल्ली की मिलाकर कुल नौ लड़कियां हैं.