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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा प्रयागराज का कोट दक्षिण ग्राम

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*भ्रष्टाचार की भेंट चढा प्रयागराज का कोट दक्षिण ग्राम*

सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं। केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में जमीनी स्तर पर ग्राम प्रधान तथा पंचायत सेक्रेट्री की मिलीभगत से पलीता लग रहा है। ताजा मामला प्रयागराज के हंडिया तहसील स्थित ग्राम कोट दक्षिण से जुड़ा है।
      प्रदेश के बजट सत्र के दौरान स्थानीय निवासी कलेक्टर सिंह मुन्ना ने राजधानी स्थित जीपीओ पार्क में धरना देकर विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का दावा किया। सरकार ग्रामीण स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना,स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, सोलर लाइट जैसे दर्जनों विकास योजनाएं चला रही है। जिसका मकसद है कि इन योजनाओं के जरिए ग्रामीण स्तर पर विकास दिख सकें।
सरकार की मंशा पर प्रयागराज के ग्राम कोट दक्षिण के प्रधान राजमणि तथा पंचायत सेक्रेटरी अरविंद यादव ने मिलकर भ्रष्टाचार की काली चादर डाल दी है। राजधानी स्थित जीपीओ पार्क में सरकारी दस्तावेजों के पुलिन्दे के साथ आए कलेक्टर सिंह मुन्ना का कहना है कि वह विगत 2 वर्षों से ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार के खिलाफ शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं,लेकिन प्रधान के रसूख के चलते कार्यवाही कहीं ना कहीं रुक जाती है।
उनका कहना है कि गांव में ग्राम प्रधान तथा पंचायत सेक्रेट्री के मिलीभगत के चलते शौचालय निर्माण,प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर सड़क और सोलर लाइट लगाने तक में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। मुन्ना का दावा है कि जाति विशेष को उपकृत करने के लिए ग्राम प्रधान ने सारे नियम कानूनों को ताक पर रख दिया।
  उपलब्ध दस्तावेज कहते हैं कि शौचालय निर्माण में जमकर खेल किया गया। ग्राम प्रधान राजमणि ने 7 शौचालय तो अपने सगे संबंधियों को ही बांट दिए। जिसमें प्रधान की पत्नी,पुत्र तथा बेटी, बहन भी शामिल है।कलेक्टर सिंह का कहना है कि उक्त लोग पात्रता सूची में भी नहीं आते। फिर भी उन्हें शौचालय आवंटित कर दिया गया। जबकि पात्रता सूची में उनका नाम होने के बावजूद उन्हें शौचालय निर्माण सूची में ही नहीं रखा गया।इसी तरह गांव के ही लोगों के द्वारा दिए गए शपथ पत्र को दिखाते हुए कलेक्ट्रेट कहते हैं कि ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर 1000 से लेकर पंद्रह सौ रुपए तक लिए। उपलब्ध दस्तावेज में एडीओ (आईएसबी) द्वारा एक जांच रिपोर्ट भी शामिल है। दो जुलाई 2018 की इस रिपोर्ट में खंड विकास अधिकारी धनुपुर को संबोधित करते हुए स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि ग्राम प्रधान कोट दक्षिण में लगाए गए 20 नग सोलर लाइट में अनियमितता पाई गई। यह सोलर लाइट एक जाति विशेष के यहां लगाने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गांव में लगाए गए खड़न्जे की गुणवत्ता पर भी रिपोर्ट में सवालिया निशान लगाया गया है। अपनी रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उक्त ग्राम में जांच टीम गठित कर जांच कराई जाए।

बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी नोडल जांच अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी से लेकर जांच अधिकारी इंद्रजीत यादव तक को ग्राम प्रधान तथा पंचायत सेक्रेट्री के विरुद्ध कार्यवाही करने की फुर्सत नहीं मिल पा रही।

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