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और कुछ भी नहीं... आपको क्या लगता है जरा सोचना .?.

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...सार्थक स्वदेशी सविनय... साभार... सादर... जय श्री गणेश... -अत्यन्त विचारणीय विषय" -मेरा अनुरोध है कि राजनीति और पूर्वाग्रहों से ग्रसित हुए बिना कालक्रम के घटनाक्रम पर विचार करें. -1फरवरी 2021 तक सब कुछ शानदार लगने लगा था, मॉल्स , शॉपिंग सेंटर, स्कूल दुबारा खुल गये थे, और ज़िन्दगी धीरे धीरे सामान्य होने लगी थी. -भारतीय वैक्सीन के चर्चे दुनिया में होने लगे थे और 87 देशों में इसका निर्यात हुआ. -वास्तव में हमारी वैक्सीन विश्व बाजार में चीन से प्रतिस्पर्धा में थी, और भारतीय वैक्सीन को ज्यादा पसंद किया जाने लगा. -किसानों का आंदोलन करीब करीब समाप्त हो गया था, और किसी प्रकार का बड़ा विरोध कहीं नहीं दिखाई दे रहा था. -फ़रवरी के अंत तक भारत चीन सीमा विवाद बातचीत द्वारा लगभग हल हो गया था, या कुछ बिन्दुओं पर होने को था. -मार्च 2021 हमारे देश के रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों और रक्षा मंत्रालय में बड़े सौदों पर हस्ताक्षर हुए, इन सबके मद्देनजर -7 अप्रैल को एक बड़ा माओवादी आक्रमण हुआ, और दिल्ली में एक बड़ी मीटिंग बुलाई गई जिसमें नक्सलवादी पॉलिसी पर पुनर्विचार किया गया. -10 से 15 अप्रेल, जिसके फल स्वरूप -5--6 दिन में एक अकल्पनीय कोरोना वायरस की लहर ने भारत पर धावा बोला और सारी परिस्थितियों को एकदम उलट कर रख दिया. -आश्चर्यजनक रूप से बर्बर घनत्व वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में इस लहर का कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया .?. और -20 अप्रैल तक सम्पूर्ण विश्व मीडिया में भारत में मेडिसिन और मेडिकल इक्विपमेंट के अपर्याप्तता के समाचारों की बाढ़ आ गई. - यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश द्वारा भी भारत को मेडिकल सहायता का प्रस्ताव भी दिया जाने लगा .?. -24 अप्रैल को हिमालय बॉर्डर पर ग्लेशियर फटा और कई लोगों की जानें चली गई. - ठीक समय चीनी मीडिया ने कहा कि सीमा वार्ता में कोई अधिक रियायत की आशा ना करें .?. -अब प्रश्न यह उठता है कि क्या वास्तव में यह दूसरी लहर है, या सावधानी से गढ़ा हुआ एक जैविक आक्रमण .?.  जो हमारे विरोधियों द्वारा भारत की बढ़ती हुई अंतरराष्ट्रीय ख्याति को खराब करने, और आंतरिक  अशांति पैदा करने का कुत्सित प्रयास है .?. -क्या आप विश्वास करते हैं कि कोरोना की यह दूसरी लहर जो हमारे सम्पूर्ण भारत में फ़ैल गई वह एक साधारण वायरस है, -इस विषय में कुछ गंभीर सवाल उठने स्वाभाविक है .?. जरा गौर से सोचिए. -भारतीय उपमहाद्वीप के देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और एशिया के अन्य देशों में कोई दूसरी लहर का नाम होना, फिर सिर्फ भारत में ही यह विस्फोट क्यों .?. -क्या अन्य देशों के नागरिक हमारे देश से अधिक अनुशासित हैं, या वे 24 धंटे महामारी से बचने के लिए मास्क लगाकर रहते हैं .?. उत्तर है..नहीं" -क्या इन देशों की भौगोलिक स्थिति भारत से भिन्न है .?. उत्तर है..नहीं" -तब क्या कारण है कि इस दूसरी लहर ने इन देशों को छुआ तक भी नहीं, और हमारे देश को इस बूरी तरह से तोड़ कर रख दिया .??. -ICMR का कहना है कि पहली कोरोना लहर ने भारत में करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था, और उनको पता तक नहीं चला- तब यदि करोड़ों लोग इसकी चपेट में आ चुके थे तो स्वाभाविक रूप से उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो चुका था, तब इतनी बड़ी दूसरी लहर सिर्फ भारत में ही कैसे आई .?. -वस्तुत: महामारी के पहले और अब की भारत की मेडिकल, वैक्सीन और आर्थिक प्रबंधन की त्वरित क्षमता ने सम्पूर्ण विश्व को अचंभित कर दिया था. - अगर ये न होता तो विश्व की फार्मा कंपनियों का भारत में व्यापार 4 से 6 ट्रिलियन डॉलर तक का होता, जिसमें सिर्फ वैक्सीन का ही 1.25 ट्रिलियन डॉलर होता, जो घटकर जीरो हो गया. -PPE Kit का व्यापार 500 बिलियन डॉलर का था जो घटकर जीरो हो गया. -कैसे एक देश जो हमेशा Hand to Mouth रहता था, आज एक वैक्सीन निर्यातक देश बन गया .?. विश्व के मेडिकल क्षेत्र में भारत की इस पूर्णता से, इस लॉबी को प्रचंड नुकसान का सामना करना पड़ा .?. -क्या कोई कल्पना कर सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हमारे देश में 75000 से 100000 चार्जिंग स्टेशन बन रहे हैं, जो कि हमारी तेल की खपत को 30% तक कम कर देगा. -सिर्फ यह ही नहीं" - सिर्फ यही नहीं -भारत ने LCA fighter plane और Brahmos मिसाइल का निर्यात शुरू कर दिया, जो कि विश्व की Arms lobby पर बहुत बड़ा झटका था, विश्व की Pharma lobby, Oil lobby और Arms lobby  सबका यही विश्वास था कि यह कांटा जनता की नाराज़गी से ही निकल सकता है. - फल स्वरूप -मीडिया में सिर्फ मोदी के प्रति नाराज़गी के ही समाचार दिखाई देने लगे .?. -15 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या को आधार कार्ड देना, कश्मीर समस्या से अधिक महत्वपूर्ण हो गया, 24 घंटे सातों दिन Oxygen की कमी, दवाईयों की कमी, और मोदी सरकार की विफलताओं के समाचार विरोधियों से मिलकर दुष्प्रचार तकनीक से दिखाये जाने लगे, सिर्फ एक ही मां को, सैकड़ों लोगों की मां दिखाकर, मरी हुई बताई जाने लगी, और उसी पर 70 ट्वीट  आ जाते हैं, कि क्यों यह मां बिना ऑक्सीजन के मरी .?. -Tool kit गिरोह दुबारा किसके इशारे पर एक्टिव हुआ, और दुबारा किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर आना किस ओर इशारा करता है .?. -उपरोक्त घटनाक्रम साफ तौर से हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं, कि यह सब हमारे देश को कमजोर करने और भारत सरकार के विरुद्ध षड़यंत्र है... और कुछ भी नहीं... आपको क्या लगता है जरा सोचना .?. सुस्वागतम्... साभार... सादर... जय श्री गणेश...

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