Home हलचल हकीकत उम्मीद और भरोसे के सहारे जरूरी सामान की जद्दोजहद मे आम आदमी

उम्मीद और भरोसे के सहारे जरूरी सामान की जद्दोजहद मे आम आदमी

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अशोक सिंह विद्रोही/कर्मबीर

देश में हवा के जरिये मौजमस्ती और जिंदगी का हर सफर तय करने वाले रसूखदारों ने जमीन पर गुजर-बसर करने वाले एक अरब से अधिक लोगों की जिंदगी को सांसत और आफत में तब्दील कर दिया| कोविड 19 के बढ़ते कदम को थामने के लिए ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौदह अप्रैल तक तीन सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा तो कर दी और लोगों को घर से बाहर न निकलने के लिए सख्त सलाह भी दी लेकिन स्वयं पीएम समेत देश की समूची आबादी को इस वायरस की महामारी और इतने लंबे समय के लॉकडाउन के आर्थिक विध्वंस का अहसास भी सता रहा है। तभी पीएम ने अपने आठ बजे वाले बयान में इसके आर्थिक दुष्परिणामों का जिक्र किया है। सबसे ज्यादा चिंता और उहाफोह के दौर से गुजरने वाले निम्न मध्यमवर्गीय व दिहाड़ी रोजमर्रा कामगार के सामने जान और जहांन दोनों को सलामत रखने की मुश्किलें हैं| हालांकि शासन और स्थानीय प्रशासन के जरिये आम जनमानस में यकीन और जरुरी सामानो की उपलब्धता का भरोसा दिए जाने से घर के दर पर उम्मीद ने अपना बसेरा जरूर बनाया है| शायद इसीलिए जिस खाकी पर एतबार करने में सौ बार हिचकने वाले लोग भी उन्ही के भरोसे रोजमर्रा की जरुरत के मुताबिक चलफिर पा रहे हैं | ये बात अलग है कि कुछ जगहों से पुलिस ज़्यादती की शिकायते भी सामने आ रही हैं|
इन्ही स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सूबे की योगी सरकार ने कोविड-19 को राज्य आपदा घोषित कर दिया| पान मसाला, गुटखा पर 21 दिन तक पाबन्दी, दस हजार ग्राम प्रधानों से फ़ोन कर बाहर से आये लोगो की जानकारी भी ली गई है|इसी के साथ दुकानों को खोलने की पूर्व में निर्धारित सीमित समय सीमा को भी समाप्त कर दिया गया है| वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीए मंत्री समिति की संस्तुति के जरिये 272 करोड़ रूपये की सहायता धनराशि क्रम में विभिन्न जनपदों को 235 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गये हैं| इस धनराशि का उपयोग जिलाधिकारी द्वारा पात्र परिवारों को नि:शुल्क खाद्य सामग्री वितरित करने तथा पात्र व्यक्तियों को प्रति व्यक्ति एक हजार रूपये प्रतिमाह वितरित किये जाने में खर्च किया जाएगा| वायरस की रोकथाम के लिए जनपद स्तर पर अति आवश्यक मेडिकल कंज्यूमेबल तथा मेडिकल इक्विपमेंट इत्यादि क्रय करने के लिए समस्त जनपदों को 17.25 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं, ताकि जिला स्तर पर आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुचारू रूप से सुनिश्चित की जा सके|
गौरतलब है कि देश के अर्थशास्त्री, रेटिंग एजेंसी और उद्योग संगठन भी कोविड 19 के चलते आर्थिक महामारी के खतरे की ओर संकेत कर रहे हैं| इसका प्रभाव देश की आर्थिक विकास दर पर तो पड़ेगा ही, लेकिन वास्तविक दुष्परिणाम दूसरे तरीकों से सामने आ सकता है|

एक लौते कोविड 19 वायरस के जिक्र और फ़िक्र से दुनिया भर के 185 देश जूझ रहे हैँ| तक़रीबन चार लाख तीस हजार लोग इसकी चपेट में हैं| वहीं उन्नीस हजार के आस-पास अबतक जान और जहांन दोनों को अलविदा कह चुकें हैं |हालांकि एक लाख से अधिक संक्रमित मरीजों की रिकवरी ने उम्मीद के दिए को महफूज भी रखा है| बात अगर भारत की करें तो खबर लिखे जाने तक भारत में यह संख्या छ सौ के करीब 597 तक पहुंच चुकी हैं| मंगलवार को देशभर में आज कोरोना के साठ मामले बढ़े हैं|देश के चौबीस राज्य (केंद्र शासित सहित) इसकी चपेट में हैं | उत्तरप्रदेश में मंगलवार तक कुल 38 मामले कोरोना संक्रमित से सम्बंधित पाए गये हैं| जिसमे से 27 का इलाज चल रहा है |सबसे अधिक प्रभावित राज्यों केरल 112 व महाराष्ट्र 119 की स्थिति चिंता जनक बनी हुई है |

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