Home हलचल हकीकत BJP सांसदों ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के दिए नोटिस, पूर्व CJI पर की थी टिप्पणी

BJP सांसदों ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के दिए नोटिस, पूर्व CJI पर की थी टिप्पणी

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बीजेपी सांसद पीपी चौधरी और निशिकांत दुबे ने देश के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश के बारे में लोकसभा में टिप्पणी करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस दिए हैं. महुआ ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सोमवार को एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश को लेकर कुछ टिप्पणी की थी, हालांकि उसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया.

पीपी चौधरी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि मैंने महुआ मोइत्रा के खिलाफ नोटिस दिया. चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने न्यायाधीशों के आचरण के बारे में कुछ टिप्पणी की थी. क्या न्यायाधीशों का आचार व्यवहार पर सदन में चर्चा की जा सकती है? उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों के आचार व्यवहार को लेकर सदन में कोई चर्चा नहीं हो सकती. सदन के भीतर वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों पर कोई आरोप नहीं लगाए जा सकते.

‘महुआ मोइत्रा ने जानबूझकर टिप्पणी की’

चौधरी ने यह भी कहा कि यदि कोई सदस्य नियम के खिलाफ बोलता है तो विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है. महुआ मोइत्रा की टिप्पणी रिकॉर्ड से हटा दी गई है, लेकिन उन्होंने जानबूझकर यह टिप्पणी की. यह ट्विटर हैंडल और यूट्यूब पर अब भी मौजूद है. निशिकांत दुबे ने कहा कि तृणमूल सांसद ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश के बारे में जो बातें की हैं वैसी टिप्पणी बीजेपी की तरफ से कभी भी नहीं की गई. महुआ मोइत्रा की टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस की मानसिकता को दिखाती है.

दुबे ने आसन से आग्रह किया, ‘महुआ मोइत्रा पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाया जाए और उनकी सदस्यता खत्म की जाए’ पीठासीन सभापति एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि दोनों नोटिस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के विचाराधीन हैं.

अर्जुनराम मेघवाल ने जताई थी आपत्ति

पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर से 45 वर्षीय सांसद ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश का जिक्र किया, जिनके खिलाफ एएम के आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. अपने कड़े शब्दों वाले भाषण में मोइत्रा ने ‘घृणा और कट्टरता’ को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि देश की न्यायपालिका और मीडिया भी को ‘विफल’ कर दिया गया है. महुआ मोइत्रा ने जब मुख्य न्यायाधीश का नाम लिया तो तुरंत बाद BJP के निशिकांत ठाकुर और संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संसदीय नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई कि विशिष्ट उच्च पदों के नाम लेना नियमों का उल्लंघन है. बाद में सभापीठ ने घोषणा की कि मोइत्रा के भाषण से असंसदीय शब्दों को निकाल दिया जाएगा.

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