Home समाचार विदेश जेडीयू के बाद, भाजपा की सहयोगी अपना दल ने की उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले जाति आधारित जनगणना की मांग

जेडीयू के बाद, भाजपा की सहयोगी अपना दल ने की उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले जाति आधारित जनगणना की मांग

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लखनऊ, 8 अगस्त। अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल ने जाति आधारित जनगणना की मांग की है। बता दें कि अपना दल भाजपा की ऐसी दूसरी सहयोगी पार्टी है जिसने जाति आधारित जनगणना की मांग की है। इससे पहले बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने इसकी मांग की थी। इसके अलावा अपना दल अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी के कल्याण के लिए काम करने के लिए समर्पित एक अलग केंद्रीय मंत्रालय बनाने पर जोर दे रही है।

अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि जाति आधारित जनगणना प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सटीक आबादी का पता लगाने के लिए समय की मांग है। इससे पहले, जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वह केंद्र से विलंबित जनगणना-2021 के हिस्से के रूप में जाति आधारित जनगणना करने के लिए कहेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश स्थित अपना दल की मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग है।

ओबीसी जनसंख्या का कोई उचित अनुमान नहीं-आशीष पटेल

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने कहा कि आजादी के बाद से भारत में एससी और एसटी आबादी की गणना हर जनगणना के हिस्से के रूप में की गई, जबकि ओबीसी समुदाय के साथ ऐसा नहीं हुआ है। जिसकी वजह से प्रदेश में ओबीसी की आबादी का कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है। अगर जातीय जनगणना की जाती है तो ओबीसी की सही-सही आबादी का पता लग पाएगा।

अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक अलग मंत्रालय की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की तर्ज पर ओबीसी के कल्याण के लिए एक अलग और समर्पित मंत्रालय होना चाहिए। बता दें कि अपना दल साल 2014 से बीजेपी की सहयोगी है। हाल ही में मोदी कैबिनेट के विस्तार के दौरान अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। अनुप्रिया पटेल कुर्मी जाति से आती हैं जो कि ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आती है। उत्तर प्रदेश की लगभग 50 विधानसभा सीट ऐसी हैं जिन पर ओबीसी मतदाता प्रभाव डालता है और इनमें से ज्यादातर सीटें पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं।

अप्रैल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकार से 2021 की जनगणना के हिस्से के रूप में ओबीसी की आबादी पर डेटा एकत्र करने का आग्रह किया था। हालांकि, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसके जवाब में कहा था कि भारत ने आजादी के समय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जाति के आधार पर आबादी की गणना नहीं करने का फैसला किया था।

जनगणना में, केवल उन जातियों और जनजातियों की गणना की जाती है जिन्हें संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के अनुसार विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया है। देश में जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पूरे बिहार में विरोध प्रदर्शन किया। 2021 की जनगणना पिछले साल अप्रैल में शुरू होने वाली थी। हालांकि, महामारी के कारण ऐसा नहीं हो सका।

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