(23 जनवरी 1897 से 18 अगस्त 1945) जन्म स्थान - कटक (उड़ीसा) निधन- कथित तौर पर विमान दुर्घटना में ताइवान के पास 18 अगस्त 1945...*
नेताजी के नाम से विख्यात, जय हिंद" तथा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का नारा देने वाले, आजाद हिंद फौज" का गठन करने वाले, महान सेनानायक, स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, महान देशभक्त तथा मां भारती के अमर सपूत।
इन्होंने उस समय I.C.S. की परीक्षा पास की जब गिने चुने विद्यार्थी इस परीक्षा में पास होते थे। परंतु कुछ समय बाद इन्होंने आईसीएस की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया तथा यह कांग्रेस से जुड़ गए।
इन्होंने सर्वप्रथम गांधी जी को राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया था। इनके विचार गांधीजी के विचारों से बिल्कुल भिन्न थे। इन्होंने चुनाव में गांधी जी के कैंडिडेट को हराया तथा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। परंतु गांधी जी इससे प्रसन्न नहीं हुए तो नेता जी ने स्वयं ही अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया।
भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से इन्होंने 1943 में आजाद हिंद सरकार की स्थापना की तथा आजाद हिंद फौज का गठन किया।
ये देश की आजादी के लिए हिटलर से भी मिले परंतु उनसे अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
इनको सर्वप्रथम जर्मन तानाशाह हिटलर ने नेताजी कहकर बुलाया था, परंतु बाद में रविंद्र नाथ टैगोर ने इन्हें नेताजी की उपाधि दी थी।
18 अगस्त 1945 को टोक्यो जाते समय ताइवान के पास कथित तौर पर नेताजी की मौत एक विमान दुर्घटना में हो गई। परंतु इनकी मौत पर आज भी विवाद तथा रहस्य है।
आज उनकी पुण्यतिथि/स्मृति दिवस के अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन... सुस्वागतम्... सादर... साभार... जय श्री गणेश...*
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सादर हार्दिक नमन
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