Home धर्म-संसार अध्यात्म रोजाना नियम से करें ये काम, घर में सदा बनी रहेगी सुख-शांति

रोजाना नियम से करें ये काम, घर में सदा बनी रहेगी सुख-शांति

news_image

सनातन धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता हैं इस धर्म को मानने वाले अधिकतर घरों में ये चमत्कारी पौधा लगा होता हैं और लोग रोजाना इसकी विधिवत पूजा करते हैं सुबह के समय जल अर्पित किया जाता हैं तो वही संध्याकाल पूजन में लोग तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाते हैं।

 

मान्यता है कि ऐसा करने से माता तुलसी की कृपा बनी रहती हैं ऐसे में अगर आप भी तुलसी पूजन कर रहे हैं तो नियमित रूप से श्री तुलसी स्तोत्र का पाठ जरूर करें कहा जाता हैं कि इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से घर परिवार में सदा ही सुख शांति बनी रहती हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री तुलसी स्तोत्र पाठ।

श्री तुलसी स्तोत्र-

जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।
यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥

नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।
नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥

तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भ्योऽपि सर्वदा ।
कीर्तिता वापि स्मृता वापि पवित्रयति मानवम् ॥

नमामि शिरसा देवीं तुलसीं विलसत्तनुं ।
यां दृष्ट्वा पापिनो मर्त्याः मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषात् ॥

तुलस्या रक्षितं सर्वं जगदेतच्चराचरं ।
या विनर्हन्ति पापानि दृष्ट्वा वा पापिभिर्नरैः ॥

नमस्तुलस्यतितरां यस्यै बद्धाञ्जलिं कलौ ।
कलयन्ति सुखं सर्वं स्त्रियो वैश्यास्तथाऽपरे ॥

तुलस्या नापरं किञ्चिद्दैवतं जगतीतले ।
यथा पवित्रितो लोको विष्णुसङ्गेन वैष्णवः ॥

तुलस्याः पल्लवं विष्णोः शिरस्यारोपितं कलौ ।
आरोपयति सर्वाणि श्रेयांसि वरमस्तके ॥

तुलस्यां सकला देवा वसन्ति सततं यतः ।
अतस्तामर्चयेल्लोके सर्वान् देवान् समर्चयन् ॥

नमस्तुलसि सर्वज्ञे पुरुषोत्तमवल्लभे ।
पाहि मां सर्व पापेभ्यः सर्वसम्पत्प्रदायिके ॥

इति स्तोत्रं पुरा गीतं पुण्डरीकेण धीमता ।
विष्णुमर्चयता नित्यं शोभनैस्तुलसीदलैः ॥

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी ।
धर्म्या धर्मानना देवी देवदेवमनःप्रिया ॥

लक्ष्मीप्रियसखी देवी द्यौर्भूमिरचला चला ।
षोडशैतानि नामानि तुलस्याः कीर्तयन्नरः ॥

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत् ।
तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरिप्रिया ॥

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।
नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥

इति श्रीपुण्डरीककृतं तुलसी स्तोत्र॥

Leave a Comment

महत्वपूर्ण सूचना

भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।