Home विविध स्वास्थ्य सरकारी ओपीडी मे ताला, निजी क्लीनिक होने लगी रोशन

सरकारी ओपीडी मे ताला, निजी क्लीनिक होने लगी रोशन

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लखनऊ। कोरोना का कहर बढऩे के साथ ही पूरी स्वास्थ्य सेवाएं अब इस रोग के ईतजाम में लग गई हैं। वहीं लाकडाउन होने के बाद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर मेडिकल कालेजो में चल रहीं ओपीडी लगभग बंद हो गयी है। कुछ बड़े अस्पतालों में आपात सेवाओं के साथ ही यलों फीवर के नाम से दो दो कमरों में डाक्टर सामान्य रोगियों को देख रहे हैं। बाकी अन्य बीमारियों का इलाज पूरी तहत से ठप है। वहीं मुख्य सचिव के आदेश से निजी क्लीनिकें एवं नर्सिग होम फिर से रोशन होने लगे हैं। मजबूरन मे लोग महंगा इलाज करा रहे हैं।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब ३५०० प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जहां पर सामान्य रोगों का इलाज होता हैं। इन रोगों की ओपीडी के साथ ही प्रसव की भी यहा पर सुविधा रहती है। कुछ दिनो पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर रविवार को स्वास्थ्य मेला आयोजित करने के आदेश दिये थे। कई रविवार को यह मेला आयोजित भी हुआ। लेकिन कोरोना का कहर बढऩे के साथ ही यहां पर ताला बंदी चल रही है। इसी तरह से प्रदेश में तहसील  स्तर पर ७७३ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिन पर लगभग हर रोग की ओपीडी के साथ ही प्रसव की सुविधा २४ घटे रहती थी। इन ३० बेडों के अस्पतालों में भी ओपीडी बंद चल रही है। यहा पर मुश्किल से प्रसव आदि कराये जा रहे हैं। इसी तरह प्रदेश के करीब १५०से अधिक जिला स्तरीय अस्पतालों में ओपीडी लगभग बंद है यहां पर केवल आपात सेवाओं के साथ  ही दो कमरों में यलों फीवर के नाम से ओपीडी चल रही है। कमोवेश यही हाल राजकीय मेडिकल कालोजों एवं चिकित्सीय संस्थानों का है। पूरा स्टाफ एवं अस्पताल कोरोना के इलाज में लगा हुआ है।
वहीं लाकडाउन के बाद से प्रदेश मेें निजी डाक्टरों ने अपनी प्रक्टिस रोक दी साथ ही नर्सिग होमों में भी ताले लटकने लगे थे। लेकिन लाकडाउन के आठवें दिन मुख्य सचिव आर के तिवारी ने निजी क्लीनिकों एवं नर्सिग होगों को अपनी सेवा आरंभ करने की छूट दे दी है। जिससे गुुरुवार से हर क्लीनिकें एवं नर्सिगहोम पुन: रोशन होने लगे। वहीं सरकारी ओपीडी बंद होने से गरीब मजदूरों को मंहगा इलाज कराना पड़ रहा है। इससे भी लाकडाउन प्रभावित हो रहा है क्योंकि सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।

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