Home हलचल सियासत पूछताछ में टालू रवैया अपना रहे थे सिसोदिया? आखिर किन सवालों का जवाब जानना चाहती है ईडी

पूछताछ में टालू रवैया अपना रहे थे सिसोदिया? आखिर किन सवालों का जवाब जानना चाहती है ईडी

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आखिरकार AAP जिसकी आशंका जता रही थी वह सच हो गई है। ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

ईडी के इस कदम से मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के कारण मनीष सिसोदिया को जमानत पाने में मुश्किलें आएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी की कोशिश सिसोदिया को हिरासत में लेने की होगी। आखिरकार ईडी की जांच टीम ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के दौरान कौन से सवाल पूछे जिनके जवाब संतोषजनक नहीं थे और सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ गईं।

आरोप है कि 2021-22 में शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने से संबंधित दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के जरिए कुछ कारोबारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिशें हुई। दक्षिण भारत के इन कारोबारियों ने कथित तौर पर इसके लिए 100 करोड़ की रिश्वत दी थी। ईडी की जांच टीम ने सिसोदिया से इसी से जुड़े सवाल दागे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच टीम ने सिसोदिया से पूछा कि आपने आबकारी नीति में बदलाव क्यों किया।

ईडी की जांच टीम ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को भी तिहाड़ जेल में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दूसरे दौर की पूछताछ शुरू की। रिपोर्टों के मुताबिक, सिसोदिया से दिल्ली के आबकारी मंत्री के रूप में लिए गए नीतिगत फैसलों को लेकर सवाल पूछे गए। साथ ही साक्ष्यों को नष्ट करने के आरोपों को लेकर भी सवाल दागे।

आरोप है कि नई आबकारी नीति में थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन को 5 फीसद से अभूतपूर्व 12 फीसद तक बदला गया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया से कथित शराब घोटाले में उनकी भूमिका और शराब कारोबारियों से साठगांठ को लेकर सवाल पूछे। जांच टीम ने बार-बार फोन बदलने को लेकर भी सवाल पूछे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि जांच टीम ने पूछताछ के दौरान साजिश और पैसे के लेन-देन पर फोकस करते हुए मामले की पड़ताल की। ईडी ने सिसोदिया को ऐसे वक्त में गिरफ्तार किया है जब एक दिन बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

सूत्रों की मानें तो जांच अधिकारियों को इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का संदेह था जो जांच के बढ़ने के साथ मजबूत होता गया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सिसोदिया जांच टीम के सवालों का समुचित तरीके से जवाब नहीं दे रहे थे। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया सवालों पर टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।

अधिकारियों का कहना है कि मामले में अवैध रकम को इधर से उधर करने की बात सामने आई है। चूंकि सिसोदिया जांच टीम के सवालों के सही तरीके से जवाब नहीं दे रहे थे इस वजह से ईडी को पीएमएलए की धारा लगानी पड़ी। इस धारा के तहत जांच टीम को आरोपियों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है। इससे पहले सात मार्च को केंद्रीय जांच एजेंसी ने सिसोदिया से पांच घंटे तक लंबी पूछताछ की थी।

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