* विशेष संवाददाता *
लखनऊ। लाकडाउन के बीच एक्शन में रहने वाली यूपी पुलिस अब सुस्त पड़ती जा रही है। हालात यह है कि चौराहों एवं सड़कों पर जगह जगह पुलिस मुस्तैदी से डटी है। वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए जगह जगह बैरीकेटिंग भी लगाई गयी है। लेकिन सड़कों पर फर्राटा भरते राहगीरों को रोकने व टोकने की जहमत पुलिस नहीं उठा रही है। वही ये राहगीर भी तरह तरह के बहाने बना आ जा रहे है । जबकि सरकार ने लखनऊ सहित प्रदेश के २७ जनपदों में लाडाउन में कोई ढील न देने का ऐलान कर रखा है।
गत रविवार की शाम तक लोगों को लाकडाउन के बीच कुछ रियायत मिलने की उम्मीद थी। किंतु राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के २७ जनपदों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कोई ढील नहीे दी गयी थी। लेकिन सोमवार को शहर के हालात कुछ बदले बदले से नजर आए। पहले की तरह पुलिस की गाडिय़ा माईक से एलाउंस करती कम दिखी जिसके जरिये लोगों से घर में रहने और बाहर न निकलने की हिदायत दी जाती थी। इसी तरह सब्जी मण्डी के समीप प्राय: सुबह ठेले वालों को पुलिस भगाती थी लेकिन सोमवार को ऐसा नहीं हुआ। इसी तरह अलीगंज के पुरनिया, स्वाद तिराहा, ढेढ़ी पुलिया, राम राम बैंक व इंजीनियरिंग कालेज चौराहे पर पुलिस कर्मी तो मुसतैद थे। जगह जगह बैरीकेटिंग भी लगी थी लेकिन राहगीर अपने हिसाब आ जा रहे थे। यहां तक मास्क व हेलमेट न पहनने वालों को भी नहीं रोका जा रहा था। इसी तरह निराला नगर, आईटी चौराहा, परिवर्तन चौक, हनुमान सेतु, नावेल्टी चौराहा, हजरतगंज व बापू भवन चौराहा डीएसओ तिराहा, हुसैनगंज, बर्लिटन चौराहे पर भी कोई रोक ने टोकने वाला नहीं था। जबकि लगभग सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी कुर्सी पर विराजमान थे। इन सभी स्थानों पर सड़क पर बैरिकेडिंग भी थी, जिससे बचकर लोग आराम से आ जा रहे थे। इस तरह लाकडाउन टू के छठे दिन ही मुस्तैद पुलिस सुस्त नजर आ रही थी। कही यह चूक शहरवासियों के लिए भारी न पड़ जाए क्योंकि लखनऊ में १५ से अधिक हाट स्पाट क्षेत्र है जहां पर सक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है।
कहीं ये लापरवाही शहरवासियों को भारी न पड़ जाए
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