Home हलचल हकीकत कोरोना त्रासदी - अगर ऐसे ही ढील देती रही पुलिस तो कैसे टूटेगी संक्रमण की चैन

कोरोना त्रासदी - अगर ऐसे ही ढील देती रही पुलिस तो कैसे टूटेगी संक्रमण की चैन

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हैरानी
लाकडाउन में  मुस्तैद पुलिस पड़ी सुस्त
बिना मास्क व बिना हेल्मेट के सडकों  पर फर्राटा भरते रहे रहीशजादे
* राजेश सिंह *
लखनऊ। कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लाकडाडन टू के आठवें दिन आज शहर अनलाक सा रहा। शहर के अधिकांश चौराहों पर पुलिस तो मुस्तैद रही पर वह सड़क पर फर्राटा भर रहे लोगों को रोकने की जहमत नहीं उठा रही थी। यहां तक कि कुछ रहीसजादे तो बिना मास्क और बिना हेल्मेट के ही दोपहिया वाहन दौड़ाते नजर आये। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के सख्त निर्देश मातहतों को दिये हैं।
यूपी सहित पूरे देश में गत १५ अप्रैल से ३ मई तक का लाकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है। यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या १४०० को पार कर चुकी है। ५३ जनपदों में यह संक्रमण फैल चुका है। प्रदेश के अब तक मात्र दस जनपद ही कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए  हैं लेकिन वहां भी संक्रमण पुन: न फैले इसलिए  लाकडाउन में कोई खास रियायतें नहीं दी गयी है। वहीं लखनऊ सहित प्रदेश के २७ जनपदों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इन जिलों में २३४  हाटस्पाट घोषित किये गये हैं जिन्हे सील कर वहां सेनीटाइजेशन करने के साथ ही संक्रमित मरीजों का व्यापक इलाज कराया जा रहा है।
राजधानी लखनऊ के हालात नाजुक है यहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या २०० के करीब पहुंचने को हैं। इसलिए यहां पर लाकडाउन में कोई ढील नहीं हैं। सीएम योगी ने आज भी लाकडाउन का मतलब टोटल लाकडाउन एवं शत प्रतिशत अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। वहीं लाकडाउन को तोडऩे वालों के खिलाफ संख्त कार्यवाही करने के पुन: निर्देश दिये हें। किंतु लखनऊ शहर आज लाकडाउन के बीच अनलाक रहा। कुछ चौराहों को छोड़ दे तो शहर में आने जाने वालों को कोई पूछने वाला नही था। जबकि लगभग हर चौराहों पर महिला एव पुरूष पुलिसकर्मी मुस्तैदी से आराम फरमा रहे थे। इन सभी स्थानों पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए बैरीकेटिंग भी लगी थी। यहीं पर टेंट लगा था जिसके नीचे कुर्सियों पर विराजमान मुस्तैद पुलिस थकी थकी नजर आ रही थी। ऐसे में लोग अपने मन मुताबिक आ जा रहे थे। यहां तक कि दोपहिया वाहन चालक बिना मास्क एवं बिना हेल्मेट के ही फर्राटा भर रहे थे। जिन्हें भी रोकने की पुलिस जहमत नहीं उठा रही थी।
यदि इसी  तरह पुलिस अपने स्तर पर ढील देती रही तो शहर में संक्रमण की चैन नहीं टूट पायेगी और कोरोना अपना पांव पसारता रहेगा। ऐसे में अपने घरों में एक महीने से अधिक समय से कैद लोग भी यह संक्रमण खत्म होने का इंतजार कर रहे हें। जिससे वह अपने जरूरी कार्यो को निपटा सके।

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