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अप्रैल में शून्य रहा ऑटो सेक्टर, इतिहास में पहली बार किसी कम्पनी ने नहीं बेचा कोई वाहन

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कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव ऑटो सेक्टर में देखा गया है। नए वित्त वर्ष की शुरुआत 2020-21 के साथ ही यह सेक्टर आमदनी के मामले में शून्य पर रहा। यानी की अप्रैल के महीने में कोई भी व्यापार नहीं हो पाया। कम्पनियों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते उत्पादन में भी काफी कमी आई है। साथ ही साथ बिक्री का जो हजारों करोड़ रुपए का अवसर था वो भी शून्य रहा। हालांकि, लॉकडाउन 3.0 में कुछ प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।

 

कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को दो और हफ्तों के लिए बढ़ाने का ऐलान किया। लॉकडाउन 2.0 की समयसीमा 3 मई को समाप्त हो रही थी। जिस पर ध्यान देते हुए सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन थमी हुई अर्थव्यवस्था के पहिये को धक्का देने के लिए सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी है। मारुति सुजुकी और हुंडई समेत देश की टॉप कार निर्माता कंपनियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अप्रैल में उनका कोई वाहन नहीं बिका। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक महीने के दौरान कंपनियां एक भी वाहन नहीं बेच पाईं। कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसके कारण वाहन कंपनियों का उत्पादन और बिक्री नेटवर्क पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान कंपनियां केवल कुछ वाहनों का निर्यात ही कर पाईं हैं।

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