Home धर्म-संसार हमारे-पर्व होली का ठाठ, चौक का रास

होली का ठाठ, चौक का रास

news_image


*चौक की चकल्लस के बिना होली की मौज कहाँ*
*चौक होली की रंगारंग बारात मे घुलेगा चकल्लस की कविता*
अशोक सिंह विद्रोही /कर्मबीर

लखनऊ --  ब्रज की होली सा ठाठ और रास लिए लखनऊ के चौक से निकलने वाली होली बारात का अपना ही अंदाज रहा है| तकरीबन अस्सी वर्ष पहले प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर द्वारा मुन्नू लाल धर्मशाला से बिखेरे गए होली बारात के गुलाल ने अपने अब तक के सफर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, राज्यपाल लालजी टंडन, पदमश्री गोपाल दास नीरज, अशोक चक्रधर, मुनव्वर राणा जैसी नामचीन हस्तियों के चेहरे को सराबोर किया है|
अपने खास अंदाज, उमंग और परंपरा को समेटे चौक होली के गंगा जमुनी तहजीब की ही विशेषता है कि कोरोना वायरस के खौफ के बीच भी होलीकोत्सव समिति चौक अपने 52 वर्षों के सफर के साथ इस वर्ष भी कोनेश्वर महादेव मंदिर से परंपरागत होली बारात का आयोजन करने में दिलों जान से जुटा है|
समिति के महामंत्री व संयोजक अनुराग मिश्रा बताते हैं कि चौक होली का कार्यक्रम परंपरागत तरीके से तीन दिनों तक मनाया जाता है| जिसमें होलिका दहन के दिन आनंदी वाटर पार्क एवं पब्लिक बाल रामलीला समित चौक द्वारा शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा|
होली वाले दिन सामाजिक सौहार्द और गंगा जमुनी तहजीब के साथ परंपरागत होली बारात कोनेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होगी| जिसमें सभी वर्गों व धर्मों के लोग शामिल होंगे|
कोरोना वायरस के डर के बीच हर वर्ष की भांति इस बार भी समिति के संरक्षक व राज्यपाल लालजी टंडन, उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा समेत सभी के आगमन की बात कहते हुए अनुराग कहते हैं कि चौक होली का देश भर में अपना अलग ही  स्थान है| होली बारात में जितने उमंग और उल्लास से हिंदू शामिल होते हैं उतने ही सौहार्द के साथ मुस्लिम वर्ग भी बारात का एहतराम अपने खास तौर तरीके से करता है|
चौक चौराहे के बाशिंदे और सालों से होली समिति का संचालन कर रहे ओमप्रकाश दीक्षित कहते हैं कि चौक की होली में चकल्लस कवि सम्मेलन की मिठास मिल जाने से फागुन के बयार में साहित्य की सुगंध मिल जाती है| हर साल की तरह ही इस बार भी होली के दूसरे दिन देश दुनिया के प्रसिद्ध कवियों के सानिध्य में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है| दीक्षित बताते हैं कि भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई, पदमश्री गोपालदास नीरज, सुरेंद्र शर्मा, डॉ कुमार विश्वास जैसी हस्तियों को सम्मानित कर चुके इस साहित्यिक मंच पर इस वर्ष दिनेश बावरा, शंभू शिखर, अतुल ज्वाला, दमदार बनारसी, प्रेरणा ठाकरे जैसे दिग्गज कवियों की टोली होगी|

Leave a Comment

महत्वपूर्ण सूचना

भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।