Home हलचल मुद्दा नीतीश कुमार ने की 2021 में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग

नीतीश कुमार ने की 2021 में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2021 की जनगणना जाति के आधार पर कराने का सुझाव देते हुए बुधवार को अनुरोध किया कि इस बारे में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जाए और उसे केंद्र को भेजा जाए। बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि वह (नीतीश) शुरू से ही जाति आधारित जनगणना कराये जाने के पक्षधर रहे हैं और इसकी मांग वह 1990 में ही कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पूर्व 1931 में अंतिम बार जाति आधारित जनगणना हुई थी।

नीतीश ने कहा कि 2011 हुई जनगणना के समय में सामाजिक-आर्थिक जातीय सर्वेक्षण कराया गया था, लेकिन वह ठीक से नहीं हो सका था। इस कारण कोई आंकडा तैयार नहीं किया जा सका और वह जाति आधारित जनगणना भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि 2021 में जनगणना होगी जाति आधारित होनी चाहिए और बिहार विधान सभा द्वारा एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि आरक्षण की मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा को बढा कर जाति आधारित जनगणना के मुताबिक बढाई जाए और एक खास प्रतिशत निर्धारित किया जाए।

नीतीश ने विश्वविद्वालयों में अध्यापन में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल में आए निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को बहुत बडा नुकसान होगा। उन्होंने इस मामले में पहले के प्रावधान को बनाए रखने की हिमायत करते हुए आग्रह किया कि इस संबंध में सदन में चर्चा कर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दोनों विषयों पर सदन के इस सत्र के दौरान चर्चा करायी जाएगी।


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